तुम याद आ गई
तुम याद आ गई
जब भी मैं हुआ हूँ उदास सिर्फ तुम याद आ गयी
खुशियाँ बड़ी मगरूर है मुझसे
हर पल में तुम याद आ गई
रिश्ते की चादर मे सिलवट सी
पाकर जो खोया हूँ , तो सिर्फ तुम याद आ गयी ,
किस्मत ही दे रही धोखा किस्मत तू ही बना दें
जिंदगी की हर सॉस में सिर्फ तुम याद आ गयी ,
जिंदगी वैसे ढ़ली , जैसे रेत मुट्ठी से फिसलती गयी
शोहरत पर जब चढ़ा सिर्फ तुम याद आ गयी ,
यकीं नही हुआ कभी , हकीकत बदल गयी
ख्वाब जब टूटा तो , तुम याद आ गयी ,
क्या सही , क्या गलत किया
इसी कशमकश मे रात गुजर गयी
आँख सावन बन बरसी तो
सिर्फ तुम याद आ गयी ।