"तुम तो सुबह की चाय जैसी हो".
"तुम तो सुबह की चाय जैसी हो".
तुम तो सुबह की चाय जैसी,
रोज नई ताजगी देती हो।
तुम तो हो कड़क चाय जैसी,
मुझ में एनर्जी भरती हो।
तुम हो रवि की पहेली किरण जैसी,
जो मेरी नींद भगा देती हो।
तुम तो हवा के झोंको जैसी,
जो अद्भुत खुशबू दे जाती हो।
तुम तो वो खिले बाग जैसी,
जो खुशबू और एनर्जी देती हो।
तुम तो सुबह के चाय जैसी,
आलस्य मेरी भगाती हो।
तुम तो ओस के बूंद जैसी,
मेरे दिल को प्यार से भिगोती हो।