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Jaivir Singh

Romance

4  

Jaivir Singh

Romance

तुम ने मानवता का हाल क्या किया।

तुम ने मानवता का हाल क्या किया।

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तुमने मानवता का हाल क्या किया।

मोहब्बत का तुमने गला घोंट दिया।


मानव की वफ़ा पर भरोसा न रहा।

जिंदगी को बीच राह छोड़ दिया।


प्रेम में धोखा तुमने दे ही दिया।

प्यार की साँसों को छिन लिया।


जमाने से रुकसत कर दिया।

अकेले ठोकर खाने छोड़ दिया।


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