लिखने और पढ़ने का शौक़
जमाने से रुकसत कर दिया। अकेले ठोकर खाने छोड़ दिया। जमाने से रुकसत कर दिया। अकेले ठोकर खाने छोड़ दिया।
मुट्ठी भर गोरे क्या करते, हमारे बीच ही आपस में बड़ी दरार पड़ी थी। मुट्ठी भर गोरे क्या करते, हमारे बीच ही आपस में बड़ी दरार पड़ी थी।
गुरु मुझे ले लो अपनी शरण में, भक्त गुरू मैं तेरा बन जाऊँगा। गुरु मुझे ले लो अपनी शरण में, भक्त गुरू मैं तेरा बन जाऊँगा।
खुद ही विद्वान तो, भगवान को दिखाने वाला मसीहा है। खुद ही विद्वान तो, भगवान को दिखाने वाला मसीहा है।