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Divyanshi Triguna

Abstract Romance Fantasy

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Divyanshi Triguna

Abstract Romance Fantasy

तुम ही रहते हो मेरे दिल में

तुम ही रहते हो मेरे दिल में

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जब तुम याद में आएं, मेरी फरियाद में आएं 

तो तुम ही रहते हो मेरे दिल में.. 

तुम्हारे बिन हम अधूरे हैं, तुम्ही से हम पूरे हैं 

तो तुम ही रहते हो मेरे दिल में.. 


मेरे नयना बरसते हैं, तुझे देखन तरसते हैं

तो तुम ही रहते हो मेरे दिल में..

हम भूले नही कुछ भी, हमें हैं याद सब कुछ ही 

बस तुम ही रहते मेरे दिल में..


दिल, धड़कन में रहते हो, मेरी हर सांस में बहते हो 

बस तुम ही रहते हो मेरे दिल में..

हम कुछ भी ना कह सकें, बस खामोश ही रहें

अब तुम ही समझ लो, मेरे दिल को..


ये कैसा हाल मेरा हैं, ये कैसा ख्याल तेरा हैं..

मेरा मन भी ना लगें, अब कही को..

ये कैसा प्यार तेरा हैं, ये क्या ऐतबार मेरा हैं

अब दिल धड़कन में ही, रहता तू ही.. 


मेरे तो श्याम तुम ही हो, मेरे भगवान तुम ही हो

अब तुम ही रहते हो दिल में कही.......


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