तुम गलत हो ही नहीं सकती
तुम गलत हो ही नहीं सकती
कोई तुमको गलत समझे
या कोई करे बुराई
ना हो बिल्कुल उदास तुम
और लड़ती रहो अपनी लड़ाई।
दुनिया को चुप कर नहीं सकते
सहते रहे सब हसते हसते
चाहे जो भी बोले कोई, कुछ फर्क नहीं पड़ता
हम तो ज़िंदा है तुझसे और तुमपे ही रहेंगे मरते!
सीताजी की भी हुई थी अग्नि परीक्षा, हम तो फिर भी इंसान है
दी होगी उन्होंने तब, पर हम तो बड़े छिछोरे है
भोकते रहे गलियो में कुत्ते, हम परवाह नहीं करते
चलते रहंगे चाल अपनी, हम तो मस्त हाथी है।
तुझपे कोई वार करे, तेरे आगे मैं बैठा हूँ
तुझे लगे कुछ उससे पहले, मुझे हराये मैं बैठा हूँ
जिओ तुम ज़िन्दगी मस्त बस अपने हिसाब से
कोई तुम्हे कुछ कह जाए तो जवाब देने मैं बैठा हूँ।
