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Aarti Sirsat

Abstract Romance Others

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Aarti Sirsat

Abstract Romance Others

"तुम चाहत मैं प्यार बन जाऊं"

"तुम चाहत मैं प्यार बन जाऊं"

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तू आसमान, मैं तेरी 

जमीन बन जाऊं।

तू धड़कन, मैं तेरी 

सांस बन जाऊं।।


तू फूल, मैं तेरी 

खुशबू बन जाऊं।

तू शब्द, मैं तेरी 

गजल बन जाऊं।।


तू दीपक, मैं तेरी 

रोशनी बन जाऊं।

तू सफर, मैं तेरी 

मंजिल बन जाऊं।।


तू मेरा अस्तित्व, मैं तेरी 

छाया बन जाऊं।

तू मेरा अरमान, मैं तेरी 

ख्वाहिश बन जाऊं।।


तू दिन, मैं तेरी 

निशा बन जाऊं।।

तू मेरी चाहत, मैं तेरा 

प्यार बन जाऊं।।



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