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Linnet Chahal

Romance

4  

Linnet Chahal

Romance

तुम और चाय

तुम और चाय

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लम्हे तस्वीरों में कैद करना अच्छा लगता है मुझे

मगर जब तुम साथ होते हो तो 

तुम संग बिताया हर एक पल मेरी यादों में कैद होजाता है

तस्वीरों की जरूरत ही महसूस नहीं होती,

ज़िक्र हुआ था एक दफा

के किसी शाम चाय और तुम होगे

चलो वो ख्वाहिश भी पूरी हुई अब,

पूरी यूं नहीं कि अब फिर उस शाम का इंतजार नहीं

मगर यूंँ की फिर एक दफा ऐसी बेहतरीन शाम होगी,

तुम्हारा यूंँ हल्का सा मुस्कुराना

जिंदगी जीने के तरीके सिखाना,

कुछ बातें पूरी कर देना

कुछ बातें आधे अधूरे शब्दों से समझाना, 

इतना महफूज मुझे अक्सर लगता नहीं

मगर तुम संग लगता है,

ये जो हमारे खयालों की साझेदारी है

यहीं मुझे बड़ी प्यारी लगती है,

ये तो गुस्ताखी होगी मेरी अगर में उन्हें सबसे प्यारा कहूंँ तो

क्योंकि उससे हसीन 

मुझे ये हल्की सी मुस्कान तुम्हारी लगती है।


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