बीता कल..
बीता कल..
ये कैसी लड़ाई है
जो अपने ही बीते कल से लड़ रहा हूँ,
ये कैसी लड़ाई है
जिसमें अनचाहे लोगों कि वजह से
अपने करीबियों को खो रहा हूँ,
रोकर थक चुका हुँ जिन पर
इक दफ़ा फिर उनहीं पर रो रहाँ हूँ,
बड़ी मुश्किल से भुलाया था जो
क्यूँ फिर वो आगे आ रहा है,
जिन लोगों से की थी नफ़रत
अब ये वक्त उनहीं के कारण
खुद से नफ़रत करा रहा है।
ये कैसी लड़ाई है
जिसमें ये बीता कल मुझे हरा रहा है।
