हुकअप और ब्रेकअप के ज़माने में
हुकअप और ब्रेकअप के ज़माने में
ये दुनिया हमबिसतर होने को साथी ढुँढती है
महज़ एक बार दिल टूट जाने के बाद,
माना कि महबूब तुम्हारा बेवफ़ा निकला
मगर ज़रूरी तो नहीं हर आशिक की
फितरत में धोखा हो,
ये रातें तुम जिस्म बदल-बदल काट लोगे
मगर जब ये ज़िंदगी मुश्किल दिन दिखाऐगी
तब किसके कंधे पर सिर रख चैन की साँस लोगे,
बहक गयी है ये पीढ़ी
जिसमों की रंगत देख
कोई तो हो ऐसा के जो
इस दिल पर भी ज़रा गौर फ़रमाए
के कोई तो हो ऐसा जो कुछ पल को नहीं
मगर आखरी साँस तक इश्क की कसमें खाए,
इस BREAKUP OR HOOKUPS के ज़माने में
कोई तो FOREVER LOVE का शौक रखने वाला
किसी अनजानी सी राह पर टकराऐ,
जो I LOVE YOU कह कर नहीं
मगर प्यारी प्यारी कविताऐं लिख
मेरी हर सुबह को खास बनाए,
जिसे सिर्फ़ सुन लेने भर से ही
इस दिल को करार आ जाऐ,
के कोई तो हो जो
इस BREAKUP OR HOOKUPS
के नये से ज़माने में
कुछ पुराने से दौर का
इश्क मुकम्मल कर दिखाऐ।

