STORYMIRROR

तुम आ जाना, तब तुम आ जाना

तुम आ जाना, तब तुम आ जाना

1 min
14.1K


जब घनी अंधेरी हो जाए

जब साँझ ढले सब सो जाए


जब चाँदनी भी मतवाली हो

जब बदली काली-काली हो


जब सितारे टिमटिमाते हो

जब जुगनू गुनगुनाते हो


जब हवाएँ मद्धम चलती हो

जब ख्वाबों की दुनिया पलती हो


तब दिखना तुम चाँद चकोरी सी

दिल के अंधेरे को मिटा जाना

तुम आ जाना, तब तुम आ जाना


जब धरती व्याकुल हो जाए

जब नदियाँ तप कर खो जाए


जब सूरज तेज़ प्रतापी हो

जब ऊष्मा भी व्यापी हो


जब पेड़ पौधे मुरझाते हो

जब पंछी भी छुप जाते हो


जब दिखता ना कोई बादल हो

जब इंतज़ार में एक पागल हो


तब दिखना तुम सौदामनी सी

दिल के सूखे को हटा जाना

तुम आ जाना, तब तुम आ जाना


जब मेरा दिल तन्हा हो जाए

जब विषाद बीज ये बो जाए


जब मायूस मेरी सूरत हो

जब दिल मे तेरी मूरत हो


जब हार कर सब रोता हो

जब खुली आँखों से सोता हो


जब ज्वाला सा भड़कता हो

जब बेचैनी से तड़पता हो


तब बन संजीवनी अमृत सी

दिल से दर्द मिटा जाना

तुम आ जाना, तब तुम आ जाना।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy