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राहुल द्विवेदी 'स्मित'

Inspirational

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राहुल द्विवेदी 'स्मित'

Inspirational

तुलना नहीं किसी की

तुलना नहीं किसी की

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यहीं शाश्वत सत्य, भला कब

          हीरा खुद को जाने ।

उसकी प्रतिभा केवल उसका,

         धारक ही पहचाने ।


तुलसी सूर कबीर जन्म से, 

         कवि तो नहीं हुए थे ।

किन्तु समय के साथ काव्य मे,

         ऊँचे शिखर छुए थे ।


तुलना नहीं किसी की जग में,

        कोई कर सकता है ।

सूरज तो इस अखिल विश्व मे,

        सूरज ही रहता है ।


किन्तु आचरण भी उपमाओं,

       का कारण बनता है ।

जो जग को रौशन कर दे वह,

       सूरज बन सकता है ।।



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