तु ही है
तु ही है
छुपा के क्या करूँ तुझ से,
मेरी हर यादों का ज़रिया तू ही है।
याद आये की न आये,
मेरी हर मंज़िल का राज तू ही है।
भुला दिया गम तेरे लिए,
मेरी हर खुशियोंयो का ख्याल तू ही है।
गलतियां ही करता रहा,
मेरी हर गलती की वजह तू ही है।
मुहब्बत करता रहा तुझ से,
मेरी आशिकी तू ही है।

