न करो शुरुआत दिन की आशंका और भय के घेरे में! न करो शुरुआत दिन की आशंका और भय के घेरे में!
दिल छिटक कर जिस्म से, कोने में बैठकर क्यों रोता है ।। दिल छिटक कर जिस्म से, कोने में बैठकर क्यों रोता है ।।
सूनी पड़ी, ज़िन्दगी की राहों में, मैं इंद्रधनुषी रंग भरना चाहती हूँ! सूनी पड़ी, ज़िन्दगी की राहों में, मैं इंद्रधनुषी रंग भरना चाहती हूँ!
छुपा के क्या करूँ तुझ से, मेरी हर यादों का ज़रिया तू ही है। छुपा के क्या करूँ तुझ से, मेरी हर यादों का ज़रिया तू ही है।
मेरे हाथ में है दुआ का बर्तन। यह भरता जब ही है। मेरे हाथ में है दुआ का बर्तन। यह भरता जब ही है।
हर जगह थोड़ी रगड़ और निराशा होगी, और हम सभी बहुत अधिक उम्मीद करने के लिए उपयुक्त हैं; हर जगह थोड़ी रगड़ और निराशा होगी, और हम सभी बहुत अधिक उम्मीद करने के लिए उपयु...