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अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Inspirational

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अधिवक्ता संजीव रामपाल मिश्रा

Inspirational

दुआ का बर्तन

दुआ का बर्तन

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मेरे हाथ में है दुआ का बर्तन।

यह भरता जब ही है।

जब एक एक बूंद इसमें गिरती है।

एक एक बूंद की कीमत।

आपका सहयोग समझ सकता है।

जीत तब जब घड़ा भरता है।

एक प्यास जो बढ़ी है।

तृप्तआत्मा जो खड़ी है।

याद रखो हर सहयोग से।

आपकी दुआ ग्लानि से बड़ी है।

सरफ़रोश जिंदगी में दौड़ना।

किसी हार से जीत बड़ी है।


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