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Khushboo Asawa

Abstract Romance Tragedy

4.6  

Khushboo Asawa

Abstract Romance Tragedy

टूट्या दिल

टूट्या दिल

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तुझे बताया था कि

दिल टूटा था मेरा एक बार।

ऐसा टूटा था कि सोचा था कि

दिल न लगाऊंगी दूजी बार।

फिर भी तूने भरोसा दिलाया, प्यार जताया,

समझाया कि एक मौका देके देखूं मैं।

मौका जो दिया, तू आया मेरे पास,

कहा तूने कि तुझपे विश्वास रखूं मैं।

जो किया विश्वास तुझपे ,

दिल फिर हुआ तैयार समझने प्यार की भाषा,

क्या पता था उसे कि प्यार की होगी उम्र कम

और हाथ लगेगी निराशा।


निराशा इस बात कि न थी कि

तूने वादा करके नहीं निभाया।

इस बात की थी कि तूने इस प्यार को

पनपने का मौका न दिया।

जो तू इतने आसानी से भूल गया

वो पल जो हमने बांटे, वो बातें, वो रातें,

आज भी याद है मुझे एक एक बात,

आज भी महसूस होती है तेरी आहटें।

अब जो दिल टूटा है, डर रही हूँ फिर से,

घाव पुराने भरे ही कहाँ थे,

हो गए अब और भी गहरे।

फिर ताला पड़ गया है मेरे दिल में,

चारों ओर दीवारें खड़ी कर दी हैं मैंने।

टूटे दिल को एक बार जोड़ा जा सकता है,

मगर जो दिल बार बार टूटे,

उसे कैसे बहलाया जा सकता है?



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