टूटना भी अच्छा है
टूटना भी अच्छा है
टूटना भी अच्छा है
असलियत का पता चलता है
टूटते है जब, तब रब के क़रीब हम आते है।
बेवकूफ़ बनना भी अच्छा है
वरना ज़िन्दगी में मजा कहा आता है
बेवकूफ़ बनते है जब, तब ग़लती का पता चलता है।
झुकना भी अच्छा है
खुद का पता चलता है
झुकते है जब, सच का पता चलता है।
कुछ ना करना भी अच्छा है
बस ऐसे ही चलते रहना है
जब कुछ ना करते है हम, तब बहुत कुछ पता चलता है।
दिल टूटना भी अच्छा है
वरना अक्ल ठिकाने पे नहीं आता है
दिल टूटता है जब, तब इक मुलाक़ात खुद से भी होता है।
