टीचर बहुत पसंद है
टीचर बहुत पसंद है
छोटी थी जब केजी में, पहली बार स्कूल गई
शायद बहुत रोई पहली गुरु वो माँ बतलाती है
फिर रंग बिरंगी क्लास में, हसीन एक परी की तरह
टीचर ने सम्भाला, चुप कराया, मुस्कराते हुए घर गई
फ़िर माँ के पूछने पर स्कूल कैसा लगा, जवाब :
मुझे टीचर्स बहुत पसंद है
इसी तरह साल दर साल, नया स्कूल या नई क्लास
क्यूँकी बहुत कुछ सिखाते थे, हर टीचर मेरे फेवरेट थे
और मैं भी उन सबकी फेवरेट बनी रहना चाहती थी
आज भी एक एक टीचर के साथ एक एक क्लास याद है
आखिर मुझे टीचर्स बहुत पसंद है
स्कूल से कॉलेज तक का सफर, टीचर कई जुड़ते गए
शैतानी भी बहुत की, सबने मिलकर नई टीचर को परेशान भी किया
फ़िर हमे पता चलता ये आना जाना हर टीचर का काम है
हमारी टीचर के दूर जाने के पीछे वजह कई तमाम है
फ़िर उनकी भी फेवरेट बन जाती,
कभी खुद भी टीचर बनना चाहती थी
क्यूँकी मुझे टीचर्स बहुत पसंद है
मैं टीचर तो ना बन पाई, पर उस ललक में हरेक को
जिसे भी जरूरत पड़ी मदद करती गई
कुछ को पढ़ा भी दिया
आज भी जब कभी वो मिलते और
टीचर जी बोल कर जैसे मान बढ़ा दिया
मैं सम्मान करती हूं जिंदगी में हर तरह के टीचर्स की,
माँ, पापा, गुरु, प्रभु, परिवार, मित्र, यार, पूरा संसार
सब फेवरेट है, सबने बहुत कुछ सिखाया,
वैसे भी मुझे टीचर्स बहुत पसंद है