ठहरेगा अब मंजिल पे ....
ठहरेगा अब मंजिल पे ....
और एक कदम चल दे तू बंदे ,
ठहरेगा अब मंजिल पे ।
दुनिया तेरे पीछे चलेगी ,
तू राज करेगा हर दिल पे ।
बिना रूके बिना झुके ,
निरंतर चलते जाओ।
छोटी छोटी बाधाओं से,
तनिक भी ना घबराओ ।
संघर्ष हर्ष का आधार है ,
मंत्र है सफल जीवन का ।
संघर्ष ही है सुगंध-खुशबू ,
ख्वाबों के सुमन का......
जो तपता है वही निखरता ,
ख्वाबों का मंजर पाता है ।
सौहरत की बुलंदियों को छुकर ,
पूरे जग वो छाता है ...
हार मानता कायर है ,
तूम तो योद्धा वीर हो ।
हर विघ्न डिगे जिसके बल ,
तूम तो वो शमशीर हो ....
खामोशी से चलते जाओ ,
तरानो की महफिल पे
और एक कदम चल दे तू बंदे ,
ठहरेगा अब मंजिल पे ।
