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ख़ाक .

Romance

4.6  

ख़ाक .

Romance

तस्वीर

तस्वीर

1 min
470


आज अचानक मेरे बटुए से तुम्हारी तस्वीर गिरी 

मेरा दिल जो संभल गया था,

उसे फिर बेचैन करने को ये काफी था 

उस एक तस्वीर ने मेरे ज़ेहन में दबाई हुई

उन हज़ारो लाखो तस्वीरो को ज़िंदा कर दिया 

समझ ना सका में क्या करूं , कैसे खुदको रोकूं ,

कैसे उन यादो को फिरसे ताज़ा ना होने दूँ 

क्यूंकि में जानता था के

अगर ये दिल उन यादों से फिर भर गया,

तो ये फिर धड़कना भूल जायेगा

ये उन सभी दर्दो को भूल जाएगा,

जो तुम्हारे जाने के बाद इसने सहे थे 

ये फिरसे उन यादो में

तुमको तलाशने के लिए खुदको खो देगा

ये फिर तुम्हारी मुस्कान पर मुस्कुरा देगा

ये फिर से उस ख्वाबो की दुनिया में खो जायेगा,

जहाँ तुम कभी इसके साथ थी 

ये फिर आँखे मूँद लेगा इस सच्चाई से,

के अब तो तुम हो ही नहीं इसे सम्भालने के लिए 

मुझमे अब इतनी हिम्मत नहीं बची के फिर इसे सम्भालूं

इसे समझाऊं , इसे मनाऊं , इसे रास्ता दिखाऊं

और फिर से इसे सच्चाई से रूबरू करवाऊं 

मेने खुदको संभाला और तुम्हारी तस्वीर को

फिरसे बटुए में संभाल कर रख दिया 

जैसे तुमने रखा था 


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