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Roshan Baluni

Inspirational

4.4  

Roshan Baluni

Inspirational

तस्वीर तिरंगा सीने में

तस्वीर तिरंगा सीने में

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मैं वीर यहाँ का योद्धा हूँ,

मैं वीरव्रती, मैं श्रद्धा हूँ।

तस्वीर - तिरंगा सीने में,

बलिदान लिखा है लड़ने में।।


उस पार जले तो जलने दो,

गर तोप चले तो चलने दो।

यह देश कहाँ कब रुकता है।

यह देश कहाँ अब झुकता है।।


ना "पाक" इरादे  तेरे  हैं,

जयचंद इधर के तेरे हैं।

हर बार वहीं वो रोके थे,

दो चार वहीं फिर ठोके थे।।


जज़्बात  हमारे  सपने  हैं,

जांबाज सिपाही अपने हैं।

वह धूर्त फुके तो फुकने दो,

कंगाल उसे फिर होने दो।।


हम आठ प्रहर सीमाओं में,

सौ बार डटे बाधाओं में।

तकदीर  हमारे  हाथों में,

तस्वीर धरा की आँखों में।।



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