तस्वीर दिखाकर सो जाते हैं
तस्वीर दिखाकर सो जाते हैं
दिन को रात रात को दिन बनाकर सो जाते हैं
जब नींद आए हम बत्ती बुझाकार सो जाते हैं
याद तो करते हैं तुम्हें दिन-रात याद करते हैं
फिर थक कर खुद को समझाकर सो जाते हैं
देर रात जब नींद नहीं आती डर सा लगता है
उस वक़्त हम दिल को सुलाकार सो जाते हैं
जब हद से ज्यादा सताने लगती है याद तुम्हारी
हम तुम्हारी यादों को तकिया बनाकर सो जाते हैं
लाख सुलाने पर भी जब दिल सोता नहीं चैन से
हम दिल को तुम्हारी तस्वीर दिखाकर सो जाते हैं।