Tribute to ssr
Tribute to ssr
माना की कुछ ने ठेस पहुंचाई थी
मगर तेरे चाहने वालों की कहां कमी थी
तुमने मुकम्मल होने दिए उनके ख़्वाब
तो फिर चाहने वालों में क्या कमी थी
माना की सबको वफा नहीं मिलता
हर किसी से उम्मीद भी किया जा नहीं सकता
जीना तो सिखाया तुमने
पर तेरे जाने का ग़म सहा नहीं जाता।
