ए जिंदगी
ए जिंदगी
गिरते सम्हलते ही सही पर
कई कमाल किए बैठा हूं
ए जिंदगी तेरी हर सवाल के
दो दो जवाब लिए बैठा हूं।
लुत्फ उठा रहा हूं उतार चढ़ाव का
आयेगी आसमां भी अपने ज़द में
ऐसा कमाल किए बैठा हूं।
चलो मान लिया अभी हाथ दबे है मेरे
पर कई तूफानों को शांत किए बैठा हूं।
तुम्हारे इन लहरों से क्या डरना
जब जिंदगी ही तेरी मझधार में लिए बैठा हूं