तोड़ने आओ
तोड़ने आओ


नया है 'मीत' का ये दिल,इसे तुम तोड़ने आओ
मिरी जानाँ मिरी जानम,मुझे तुम छोड़ने आओ
अभी हम तुम से रूठें है,अभी झगड़ा किये ना हम
लो तेरी बात ना मानी,हथेली मोड़ने आओ।
मिरे अरमान बिखरे है,अभी भी फर्श पे वैसे
मुहब्बत से उठा कर तुम,उन्हें अब जोड़ने आओ
बिछी है जान मेरी जिंदगी के खेल में जानाँ
लगी है दौड़ तुम भी संग मेरे दौड़ने आओ
नही उल्फ़त से है नाता,न रिश्ता प्यार से मेरा
अभी कोरा है ये दामन,चलो तुम ओढ़ने आओ