STORYMIRROR

Rupam Kumar

Romance

5.0  

Rupam Kumar

Romance

तोड़ने आओ

तोड़ने आओ

1 min
298


नया है 'मीत' का ये दिल,इसे तुम तोड़ने आओ

मिरी जानाँ मिरी जानम,मुझे तुम छोड़ने आओ


अभी हम तुम से रूठें है,अभी झगड़ा किये ना हम

लो तेरी बात ना मानी,हथेली मोड़ने आओ।


मिरे अरमान बिखरे है,अभी भी फर्श पे वैसे

मुहब्बत से उठा कर तुम,उन्हें अब जोड़ने आओ


बिछी है जान मेरी जिंदगी के खेल में जानाँ

लगी है दौड़ तुम भी संग मेरे दौड़ने आओ


नही उल्फ़त से है नाता,न रिश्ता प्यार से मेरा

अभी कोरा है ये दामन,चलो तुम ओढ़ने आओ



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance