मेरी ज़िंदगी है तू।।
मेरी ज़िंदगी है तू।।


सूरज से मिली है तू
या'नी रोशनी है तू।
मेरी वफ़ा पे कर यकीं
मेरी जिंदगी है तू।
मैं तो हो गया हूँ चुप
फिर क्यूँ रो रही है तू।
बू-ए-जाँ अता तो कर
गुलशन की कली है तू।
तुझमें जा बसा हूँ मैं
मुझमें आ बसी है तू।
आता रहा ख़याल ये
मेरी अब नहीं है तू।
इंशा हुई है ग़म से ही
'मीत' की शायरी है तू।