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Rupam Kumar

Romance

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Rupam Kumar

Romance

बचपन की भी यादें कैसी यादें थी

बचपन की भी यादें कैसी यादें थी

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फूलों से मैं हाथ मिलाया करता था

फिर फूलो को गीत सुनाया करता था।


ख़्वाबों के दरिया में सब बह जाते थे

मैं तो उसमें नाव चलाया करता था।


जो मिर्ची लगती थी तीखी सी सबको

मैं तो उससे मुँह लगाया करता था।


पूछ रहे हो किस लड़के के बारे में ?

जो लड़की को खूब सताया करता था।


उसके होठों पे खुशियों की बारिश थी

जब मैं उसको जान बुलाया करता था।


बचपन की भी यादें कैसी यादें थी

इक मिट्टी का घर बनाया करता था।


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