वरना इस उम्र में हमने क्यों ऐसा सोचा होगा। हमने क्यों ऐसा सोचा... वरना इस उम्र में हमने क्यों ऐसा सोचा होगा। हमने क्यों ऐसा सोचा...
बचपन की भी यादें कैसी यादें थी इक मिट्टी का घर बनाया करता था। बचपन की भी यादें कैसी यादें थी इक मिट्टी का घर बनाया करता था।
दोपहर को जब है खाना बनता, मिर्ची का लाल रंग हाथों में उमड़ता दोपहर को जब है खाना बनता, मिर्ची का लाल रंग हाथों में उमड़ता
ये आजकल की पीढ़ी का, जाने ध्यान कहां रहता है? ना कीमत वक्त, पैसे या मेहनत की! ये आजकल की पीढ़ी का, जाने ध्यान कहां रहता है? ना कीमत वक्त, पैसे या मेहनत की!
फर्क नहीं पड़ता सफेद नमक, या हल्दी कम भी हो अगर खाने में। फर्क नहीं पड़ता सफेद नमक, या हल्दी कम भी हो अगर खाने में।