Rupam Kumar
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कहीं बूढ़ा, कहीं बच्चा हूँ मैं। नहीं लगता, मगर अच्छा हूँ मैं। कभी मैं सोचता हूँ, क्या हूँ मैं? कहानी हूँ क्या फिर किस्सा हूँ मैं। कहीं गौहर, कहीं हीरा हूँ मैं। कहीं ज़र्रों से भी सस्ता हूँ मैं।

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