कहीं बूढ़ा, कहीं बच्चा हूँ मैं। नहीं लगता, मगर अच्छा हूँ मैं। कभी मैं सोचता हूँ, क्या हूँ मैं? कहानी हूँ क्या फिर किस्सा हूँ मैं। कहीं गौहर, कहीं हीरा हूँ मैं। कहीं ज़र्रों से भी सस्ता हूँ मैं।
वो हैं जगत के स्वामी, शक्ति है उनके तन में। वो हैं जगत के स्वामी, शक्ति है उनके तन में।
ठंड हवा जब छूकर तुमको, दूर शहर को जाती है। फूलों में इक बात बहस की... ठंड हवा जब छूकर तुमको, दूर शहर को जाती है। फूल...
बचपन की भी यादें कैसी यादें थी इक मिट्टी का घर बनाया करता था। बचपन की भी यादें कैसी यादें थी इक मिट्टी का घर बनाया करता था।
अभी हम तुम से रूठें है,अभी झगड़ा किये ना हम लो तेरी बात ना मानी,हथेली मोड़ने आओ। अभी हम तुम से रूठें है,अभी झगड़ा किये ना हम लो तेरी बात ना मानी,हथेली मोड़ने आओ...
हवा टकरा, ज़रा धीरे मुझसे बना मिट्टी से हूँ, कच्चा हूँ मैं हवा टकरा, ज़रा धीरे मुझसे बना मिट्टी से हूँ, कच्चा हूँ मैं
तुझमें जा बसा हूँ मैं मुझमें आ बसी है तू। तुझमें जा बसा हूँ मैं मुझमें आ बसी है तू।
नींद न मुझ को आती है, ख़्वाब भी तुमने लूटे है। नींद न मुझ को आती है, ख़्वाब भी तुमने लूटे है।
है गर्मी के मौसम में सर्दी का आलम लिपट के वो मुझसे पिघलने लगी है है गर्मी के मौसम में सर्दी का आलम लिपट के वो मुझसे पिघलने लगी है