तनहा शायरी 061221
तनहा शायरी 061221
अपने दर्द को हमने दिल में दबा लिया
जो आंसू छुपाया था जाने वो आंसू कहा गया।
नसीब लिखने चला था खुद को मिटा लिया
निकला मंज़िल की तलाश में वो जाने किधर गया।
हर तरफ महफिलें थी जमघट सजा लिया
मुड़कर देखा तो जाने वो कारवां कहा गया।