तम्मन्ना
तम्मन्ना
जो बनाओगे बन जायेंगे
जैसे साँवारोगे सँवर जाएंगे
जो चाहोगे चाह जायेगे
जैसे रखोगे रह जायेंगे।
तेरी दीवनगी में बह जायेंगे
तेरी तम्मन्ना में जी जायेंगे
तेरे प्रेम में पल जायेगे
तन मन से तुम्हारे रहेंगे।
कुछ कहेंगे तो तुम से कहेंगे,
प्रेम गंगा में तेरी बहेंगे
सँवरकर निखरकर रहेंगे
तेरे अमृत से जी उठेंगे
तेरी कृपा से सज कर रहेंगे
तेरे विश्वास से प्रबल बनेगे
सिर्फ़ तुम्हारे तुम्हारे रहेंगे
सिर्फ़ तुम्हारे ही कहलायेंगे।।