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डा.अंजु लता सिंह 'प्रियम'

Classics

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डा.अंजु लता सिंह 'प्रियम'

Classics

तिरंगा

तिरंगा

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झूम झूम लहराए तिरंगा

झूम झूम लहराए

भारत मां की आजादी के

गीत सुहाने गाए।


हाथों में लेकर ही इसको

हर बालक सुख पाए

मन की खुशी थिरककर 

तन में फुर्ती नई जगाए

झूम झूम....।


चक्र में निहित समय की वाणी

भगवा रंग वीरों की कहानी

दूध दही की खान वतन है

उजला रंग जताए

हिन्दुस्तानी हरे-भरे हैं 

हरा रंग बतलाए

झूम झूम.....।


है ये हमारी आंख का तारा

है ये हमको जान से प्यारा

इसकी शान रखेंगे चाहे

सूली पर चढ़ जाएं

जिसके मन में प्रेम बसा हो

ध्वज को वही उठाए

प्रेम का झंडा प्रेमी के ही

हाथों में लहराए

झूम झूम......।


धरती में सुख-वैभव उपजे

शस्य श्यामला भाए 

पुलकित होकर नभ भी

भू को निरखे और झुक जाए

झूम झूम....।


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