तिरंगा सरताज है अपना
तिरंगा सरताज है अपना
सारे जहाँ में हर ओर
एक ही आवाज़ है
एकता का प्रतीक
तिरंगा सरताज है
रिवाज़ों से भरा है देश
फिर भी नरम आगाज़ है
एकता का प्रतीक
तिरंगा सरताज है
कहीं है नृत्य की खुशी
कहीं सुरीली आवाज़ है
किसी झरोखे से आती
नदियाँ वो खास हैं
एकता का प्रतीक
तिरंगा सरताज है
कहीं ख़ुशियों के गीतों पर
नाचती हैं कठपुतलीयाँ
कभी फूलों के खिलने से
गाती हैं तितलीयाँ
कर्ण विकर्ण हुए फिर भी विश्वास है
एकता का प्रतीक
तिरंगा सरताज है
