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SNEHA NALAWADE

Drama

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SNEHA NALAWADE

Drama

तीसरा दिन

तीसरा दिन

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प्रिय डायरी,

तीसरा दिन तीसरा दिन

आज सुबह तो

आँख खुल ही नहीं रही थी


ऐसा लग रहा था सोते ही रहू

नौ बज गए उठते हुए आज तो

काफी देर हो गई पर क्या करती

सूसती जा ही नहीं रही थी

उठने के बाद तुरंत तैयार होने लगी

सुबह का खाना खाया


मेथी की सब्जी साफ करने बैठ गई

टीवी देखते देखते अच्छा खासा पिक्चर देख रही थी

स़बजी साफ होने के बाद खाना खाया दोपहर का

उसके बाद कुछ देर के बाद बारिश हुई

तुरंत बिजली चली गई उसकी ही कमी थी


थोडी देर भाई के साथ खेल खेलती रही

उसके बाद वापस सो गई

शाम को ऑख खुली चाय पी

रात के खाने की तैयारी की


पूरा खाना मैंने ही बनाया और खाया

बर्तन धोए बाकी काम किए

टीवी देखती रही फिर

उसके बाद सोने के लिए चली गई।


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