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Praveen Gola

Romance

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Praveen Gola

Romance

थोड़ी रात और ढल जाने दे

थोड़ी रात और ढल जाने दे

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थोड़ी रात और ढल जाने दे,

इस शबाब पे मस्ती छाने दे,

फिर मिलेंगे तीजे पहर में हम ,

ज़रा नींद में सबको खो जाने दे।


तेरा साथ मुझे मंजूर सनम,

उस साथ की कसमें खाने दे,

आज फिर से मिलन की बेला में,

ये तन- मन एक हो जाने दे।


मैं भूली नहीं उन यादों को,

जिनमे हम - तुम एक होते थे ,

आज फिर से मिली उन घड़ियों में,

उन यादों में समाने दे।


ये ज़िस्म दहकता रोज़ है,

तुझे पाने को ओ बेखबर,

आज रात मिली जब प्यासी सी,

हर घूँट में नशा तब छाने दे।


थोड़ी रात और ढल जाने दे,

इस शबाब पे मस्ती छाने दे,

हर अंग निखर के कहेगा तब,

प्रेम वर्षा में मुझे भीग जाने दे।


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