STORYMIRROR

Life teller

Abstract

2  

Life teller

Abstract

​थोड़ा सच्चा थोड़ा झुठा नया भारत निर्माण

​थोड़ा सच्चा थोड़ा झुठा नया भारत निर्माण

1 min
165

इक प्यारा सा है ख्वाब मेरा

जहां मिल जुलकर रहते लोग यहां

वैसे शिक्षा मे तो बढ़ ही रहे है आगे जहां

तो अब जरा सोच शिक्षा पर भी इक नज़र लगा

थोड़ा सच्चा थोड़ा झुठा नया भारत निर्माण

एक नया हिंदुस्तान है बन रहा आज

श्रीराम की अयोध्या का हो चला है निर्मान 

सैनिक भाई लड रहे आज भी सरहद पार

इक राखी उनको भेजके करो उनका भी थोड़ा सम्मान

एक दिल के कोने मे उम्मीद आज भी है

थोड़ा सच्चा थोड़ा झुठा नया भारत निर्माण

थोड़ी आवाज उठाती है उन गलत सोचों के नाम

लड़की घर का काम पहले सीखे, इस गलतफहमी को फैक बाहर

किसी के सहारे ही क्यु बेठना तू ही शक्ति का दूजा नाम

इस स्वातंत्र दिन अपनी आवाज उन छोटी सी सोचो के खिलाफ

चलिए सब हाथ मिलाकर बनाएं इक नया भारत निर्माण

थोड़ा सच्चा थोड़ा झूठा नया भारत निर्माण!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract