शक्ति हुं मैं कमजोर नहीं
शक्ति हुं मैं कमजोर नहीं
खुबसूरत है तितलियों जैसी
महक उसकी फूलों जैसी
बहना है मुझे नदियों जैसी
शक्ति है तू कमजोर नहीं।
हिरनी सी है चाल उसकी
नजर से तेज़ बाज जैसी
रहना है तुझे शेरनी बन के क्योंकि
शक्ति है तू कमजोर नहीं।
खोल पर अपनी उड़ान लगा
छोड़ पीछे अपने बंधन तू
कोई रोक ना पाएं तुझको क्योंकि
शक्ति है तू कमजोर नहीं।
