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राजेश "बनारसी बाबू"

Inspirational Others Children

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राजेश "बनारसी बाबू"

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थोड़ा सा और जी लेने दे मां

थोड़ा सा और जी लेने दे मां

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थोड़ा देर और सांसे लेने दे ना मां,

थोड़ा सा और जी लेने दे ना मां,

सरहद पर दुश्मन को मौत की

नींद सुनाना है ना मां,   


इस बार उसको उसकी औकात

याद दिलाना है ना मां, 

इस मौत की नींद सोने से पहले,

अपने मुन्ने को सरहद की

पाठ पढ़ा लेने देना मां


आखिरी बार रक्षाबंधन बीता लेने दे ना मां,

इस बार मां के हाथों की खीर खा लेने दे ना मां,     

इस बार बापू को टूटा हुआ

चश्मा बन वाने है ना मां, 

एक आखिरी बार दिलरुबा के लिए

करवा चौथ बिता लेने दे ना मां,


इस बार धान की रोपाई हो जाने देना मां,

 इस बार मां की गिरवी रखे कंगन छुड़वा ले

ने दे मां, एक और आखिरी सांस लेने दे मां,

एक सुहागन की चूड़ी टूटने से पहले,.

एक मां की कोख उजड़ने से पहले,


एक बेटे को अनाथ होने से पहले,

एक मां की कोख सुनी होने से पहले,

एक बहन की राखी छिन जाने से पहले,

एक पिता के एक पुत्र से विमुख होने से पहले

एक आखरी सांस ले लेने देना मां।


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