थक कर ना बैठ राही
थक कर ना बैठ राही
थक कर ना बैठ राही
जिंदगी के रास्ते पर
अनुभव की ईंट और
प्यार की रेत मिला,
समर्पण की इमारत
तुम बनाओ माही।
थक कर ना बैठ राही...
धूप की चुभन हो या
हवाओं की छुअन,
नीड़ का निर्माण तुम
कर लो ख्वाही
थक कर ना बैठ राही...
रोके क्या कोई तुझे,
सतत तुम चले चलो
आस और विश्वास की
अथक ऊर्जा भरता जाही।
थक कर ना बैठ राही...
गर जीवन संघर्ष है
तो जिंदगी एक राह है,
पांव थक जाए तो क्या,
आगे बढ़ा चल सिपाही।
थक कर ना बैठ राही....