तेरी यादों में
तेरी यादों में
आज कल मैं तन्हा-तन्हा सा रहता हूँ
तेरी यादों में,मैं हर पल खोया-खोया सा रहता हूँ।
आज कल............................
क्या याद नहीं तुम करते मुझको
कैसे रहते हो हम बिन
कैसे कह दूँ तुझसे आकर
कैसे जी रहा हूँ तुम बिन,
अब और न सताओ मुझको
तुझ बिन मैं टूटा-टूटा सा रहता हूँ,
तेरी यादों में,मैं हर पल खोया-खोया सा रहता हूँ।
आज कल..........................
ठंडी की रातों में तेरी गरमाहट याद आती है
सिल्क की चादर गालों से लगती,जैसे तू छू जाती है,
तेरे मखमली बाँहों का बिस्तर अब भी याद है मुझको
तुझ बिन मैं अब खाली-खाली पलंग सा रहता हूँ,
तेरी यादों में,मैं हर पल खोया-खोया सा रहता हूँ।
आज कल........................
तेरी नजरों में चेहरा था मेरा,मेरी नजरों में चेहरा तेरा
तेरे दिल के आँगन में,मैं था,मेरे दिल के आँगन में तू
तू मेरे दिल का घर था,अब भी याद है मुझको
तुझ बिन मैं अब एक खाली घर सा रहता हूँ,
तेरी यादों में,मैं हर पल खोया-खोया सा रहता हूँ।
आज कल.............................
कैसे बदल गए तुम
क्यों मुझसे जुदा हुए तुम,
कौन सी कर दी थी मैंने खता
क्यों हो गए थे तुम मुझसे खफ़ा,
तेरी कसमों-वादों का खाना
अब भी याद है मुझको,
तुझ बिन बन के मैं बंजारा सा रहता हूँ
तेरी यादों में,मैं हर पल खोया-खोया सा रहता हूँ।
आज कल........................

