तेरी यादों में..
तेरी यादों में..
छू गया जब ख्याल तेरा मेरे दिल में
ये दिल मेरा देर तक धड़कता रहा,
जिक्र जब छिड़ा तेरा मेरे मोहल्ले में
मेरा मोहल्ला देर तक महकता रहा।
रात भर नींद आंखों से रूठी रही
तेरा चेहरा ही बस चमकता रहा,
चांद भी शरमा गया उस घड़ी
जब तेरा नाम लबों पर मेरे सजता रहा।
हवा ने भी कुछ कहा कानों में मेरे
कि दिल मेरा तेरे लिए बहकता रहा,
धड़कनों ने जो गीत गुनगुनाया ऐसे
हर साज में तेरा नाम ही बजता रहा।
वो लम्हा जो तेरे ख्यालों में बीता
सदियों से जैसे दिल में बसता रहा,
तू ना थी फिर भी हर जगह मुझको
तेरा ख्याल अक्स बनकर दिखता रहा।
खिड़कियों से झांकती रही तन्हाई ऐसे
कि जिंदगी के पन्नों में तुझे ही ढूंढता रहा,
तुझ बिन सब कुछ अधूरा रह गया
मैं मीलों सफर तुझ बिन तय करता रहा।
वो डायरी में रखे तेरे यादों के फूल
देख उन्हें मैं बस उलटता पलटता रहा,
तेरी खुशबू थी बिखरी इन फूलों में अब भी
उन लम्हों को मैं बस दिल में जीता रहा।
तेरे जाने के बाद भी तू गया नहीं
इन फिजाओं में तू मुझे दिखता रहा,
वक़्त चला गया पर मैं ठहरा हूं यहां
तेरी यादों को अब भी मैं सींचता रहा।
कभी बेवजह मैं मुस्कुराता रहा
कभी चुपचाप ही विरानों में चलता रहा,
भीग जाती पलकें जब सोचता हूं तुझे,
तेरी यादों में ही मैं अब जिंदा रहा।
