STORYMIRROR

Vijay Kumar parashar "साखी"

Romance

3  

Vijay Kumar parashar "साखी"

Romance

तेरी याद

तेरी याद

1 min
336

में तुझे भुला नही पा रहा हूं

याद से ख़ुद को सत्ता रहा हूं।


बेदर्द बहुत है मोहब्बत तेरी,

तस्वीर पर आंसू बहा रहा हूं।


सज़ती तो है महफिले आज भी वन्ही,

महफ़िल से अब प्यासा ही जा रहा हूं।


शोले से ज्यादा जलता है दिल मेरा,

जलते हुए शोले पर लहू गिरा रहा हूं।


जिंदगी से बहुत नाराज हो गया है विजय

साँसें रोककर भी तुझे हटा नहीं पा रहा हूं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance