तेरी याद
तेरी याद
मेरे सन्नाटों को चीर देती है तेरी याद
मेरे सीने में कब से बसी है तेरी याद
पलकों में बनाती है घरौंदा अपना
आंसू की इक बूंद भी नहीं आने देती तेरी याद
निगाह जो बंद करके बैठ जाऊं मैं
ख्वाबों में फिर मिलती हैं तेरी याद
हमें तुमसे इश़्क बेमिसाल है मगर
जह़न का सुकून छीन लेती हैं तेरी याद
यूं तो बरसों रहा साथ चाहने वालाें का
तेरे इश्क़ की हद भी लाती रही तेरी याद
व़क्त बिताना अच्छा लगता था "शशि" तेरे पास
ऐसे पल भी याद दिलाती रही तेरी याद