तेरी याद आने की
तेरी याद आने की
#SMBoss
तेरी याद आने की हर जगह बंद कर दी,
तेरे नाम की इन होठों पर तालाबंदी कर दी।
आग सी लगी है इस तन - बदन में अब तो,
इस आग को बुझाने की हवा बंद कर दी।
अश्क गिर - गिर के यूँ ही सूख जाते,
बंद पलकों से अब इन अश्कों पे महर कर दी।
दिल चीरने का खंजर ना मिल सका,
इस दिल की सारी धड़कने बंद कर दी।
एहसासों से ही तो दर्द उठता है,
हर एहसास की तड़प ठंडी कर दी।
कांटों की सेज पर ज़ख्मों को सुलाया,
सुबह हर जख्म की मरहम पट्टी कर दी।
एक नाम बाकी जो रह गया था तेरा,
उस नाम को दफ़्न कर मय्यत पे अर्जी रख दी।