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Gordhanbhai Vegad (પરમ પાગલ)

Drama Inspirational

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Gordhanbhai Vegad (પરમ પાગલ)

Drama Inspirational

तेरी ही जमीं की पुकार

तेरी ही जमीं की पुकार

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जाने वाले जरा मुङ के देख……

तेरी ही ज़मीं की पुकार है……!!


ढल चुके काली शाम के साये…

सुबह को एक रात की देर है… !!


तूफान से डरता है तू क्यूँ ? …

जरा सा ठहर ने की देर है.......!!


खुल जायेंगे ये द्वार दिलों के …

बस ! दस्तक देने की देर है…!!


पहले ज़मीं पे चलना सीख ले…

आसमान में उड़ने की देर है…!!


चोरों के घरों से पायेगा क्या ?…

यहाँ बसे हुए सभी चोर है.......!!


जल्दबाज़ी में जल न जाना…

धीरज धरने में ही सार है……!!


"परम" तो यहीं है उपलब्ध....

तेरे "पागल" होने की देर है.…!!


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