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Gordhanbhai Vegad (પરમ પાગલ)

Drama Romance

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Gordhanbhai Vegad (પરમ પાગલ)

Drama Romance

हसीन दास्ताऩ

हसीन दास्ताऩ

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हया के हसीन गहने से ये,

आज बेपनाह निखर गया,

इश्क़ भी बिखरी हुई ज़ुल्फ़ों में,

फिर से खुशी से उलझ गया !


ये वाक्या ज़िन्दगी की एक,

अजब हसीन दास्तान बन गया,

अजनबी एक अनजान राहों पे,

जैसे हमारा राहबर बन गया !


दर्द की दहलीज पर कोई,

दामन मेरा यूँ खुशियों से भर गया,

की जैसे मुद्दतों बाद वीरानों में,

कोई बादल बनके बरस गया


तौबा कर चुके थे मैखानों से,

फिर भी उनकी आँखो से पी गया,

होश आया तो पता चला के मैं,

तो इश्क़ की राहों से गुजर गया !


चंद "परम" लम्हों में एक जिंदगी,

कई सदियों की यूँ जी गया,

की "पागल" अंधेरों में शम्मा,

जला के मुझे परवाना बना गया !


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