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Preeti Sharma "ASEEM"

Tragedy

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Preeti Sharma "ASEEM"

Tragedy

तेरे नाम ......पर

तेरे नाम ......पर

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ईश्वर तेरे नाम पर

ईश्वर तेरे नाम पर ,कितना व्यापार चलता है ।

सुख की आस में,हर इंसान दुःख के मझधार में पलता है।

ईश्वर तेरे नाम पर ,कितना व्यापार चलता है ।

कौन ......सुखी हैं? इस प्रश्न का उत्तर ही नहीं मिलता है।

यह कौन -से कर्मों का फल है .जिसका लेखा-जोखा फलता है।

ईश्वर तेरे नाम पर ,कितना व्यापार चलता है ।

दुनिया भी तूने बनाई। 

इंसान भी तेरे सभी,फिर कहां से बुरे कर्मों की, पहेलियाँ तुमने घड़ी।

हर इंसान जिंदगी भर नर्क की आग में जलता है ।

कहाँ..... कौन सा स्वर्ग है ।

जो दुख -दर्द मिटाने के लिए ,सुख की झूठी आस पर चलचित्र -सा चलता है।


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