तेरे लिए
तेरे लिए
आस्मान में नहीं
दिल में बसाऊँगी
चाँद,तारों में नहीं
जमीन पे घर् बनाऊँगी
कुछ लम्हा, दिन, महीना
या कुछ साल नही
हर वक्त दुआ करूँगी
पास ना हो
पर सुख, दुख में
सदा साथ दूंगी
ना हो तुम्हे कोई तकलीफ,
ना हो कोई दुख,
सारे में सह्लूंगी
मेरे हिस्से की उमर
तेरे नाम करदुंगी
तेरे दर्द का में
दवा बनूँगी
तेरे लिए खुशियों का
मेला लगाऊँगी।

