माँ
माँ


माँ चल आज तुझे
लोरी सुनाती हूँ
सारे नखरे उठाती हूँ
तू रुठ जाएगी
तो तुझे मनाती हूँ
चल गोदी में शुला के
चाँद की सैर कराती हूँ।
माँ चल आज तुझे
काहानी सुनाती हूँ
जिसमे एक थी
सुंदर सी रानी
भोली सी , प्यारी सी, न्यारी सी
जैसे चाँद की चांदनी
अंत मे वो मेरी
माँ बनी
आज से में तेरी बेटी नहीं
तेरी माँ बनती हूँ
एक मौका तो दे
तेरी माँ बनने की
एहसास करने दे
तेरी सारी कुर्बानो की
प्रयत्न तो करने दे
कुछ कीमत चुकाने की।